भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर विराम: अमेरिका की मध्यस्थता से सीज़फायर, लेकिन तनाव बरकरार भूमिका
भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर विराम: अमेरिका की मध्यस्थता से सीज़फायर, लेकिन तनाव बरकरार
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चली आ रही तनातनी एक बार फिर युद्ध की दहलीज़ तक पहुँच गई थी। लेकिन 10 मई 2025 को अमेरिका की कूटनीतिक पहल के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम यानी सीज़फायर पर सहमति जताई। हालांकि, यह सीज़फायर अभी भी “नाज़ुक” माना जा रहा है क्योंकि सीमा पर गोलीबारी और आरोप-प्रत्यारोप थमे नहीं हैं।
कैसे हुआ समझौता?
यह सीज़फायर अमेरिका की पहल पर संभव हो सका, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रमुख भूमिका निभाई। यह समझौता 70 से अधिक लोगों की जान लेने वाले हालिया संघर्ष के बाद लागू किया गया। अमेरिकी प्रशासन ने इसे एक “सांकेतिक शांति की शुरुआत” बताया।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
इस सैन्य टकराव की शुरुआत भारतीय कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले से हुई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों को ज़िम्मेदार ठहराया और जवाबी कार्रवाई में कई ठिकानों पर हमले किए। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना के दो जेट गिराने का दावा किया।
संघर्षविराम के बावजूद तनाव
भारत ने समझौते के तुरंत बाद ही पाकिस्तान पर सीज़फायर के उल्लंघन का आरोप लगाया। भारतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में फिर से गोलीबारी की है। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और भारत पर दोष मढ़ा।
मानवीय संकट और विस्थापन
इस सैन्य संघर्ष से दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में हज़ारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। स्कूल, अस्पताल, घर—सब कुछ बर्बाद हुआ। कश्मीर घाटी के लोग अभी भी अपने घरों में लौटने की स्थिति में नहीं हैं। दोनों तरफ मानवता की सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने शांति बनाए रखने के बदले भारत और पाकिस्तान को व्यापारिक लाभ देने का संकेत दिया है। पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता का स्वागत किया है, जबकि भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं स्वीकार करेगा। भारत इस पूरे मसले को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाना चाहता है।
निष्कर्ष
सीज़फायर भले ही लागू हो चुका हो, लेकिन दोनों देशों के बीच अविश्वास और तनाव जस का तस बना हुआ है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह शांति कितनी टिकाऊ होगी। फिलहाल, दुनिया भर की निगाहें भारत-पाक सीमा पर टिकी हुई हैं।
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"भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता से संघर्षविराम पर सहमति जताई है। जानिए क्यों यह सीज़फायर नाज़ुक है और क्या फिर से युद्ध की आशंका बनी हुई है।"
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