वक्फ संशोधन अधिनियम चुनौती: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की ताज़ा जानकारी
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वक्फ संशोधन अधिनियम चुनौती: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की ताज़ा जानकारी
नई दिल्ली, मई 2025 — सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अहम सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ता अधिनियम पर अंतरिम रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। कोर्ट इस मांग पर विचार कर रहा है कि क्या फिलहाल किसी तरह की अंतरिम राहत दी जा सकती है या नहीं।
मुख्य बिंदु:
🔹 कोर्ट का रुख: "मजबूत और स्पष्ट मामला जरूरी"
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने साफ किया कि अंतरिम राहत देने के लिए याचिकाकर्ताओं को "मजबूत और स्पष्ट" आधार प्रस्तुत करना होगा। कोर्ट ने कहा कि वह तब तक हस्तक्षेप नहीं करेगा, जब तक कोई ठोस संवैधानिक सवाल सामने न आए।
🔹 याचिकाकर्ताओं की दलील: मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी कि यह संशोधन अधिनियम मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का हनन करता है। अधिनियम के अनुसार, सरकार अब बिना पंजीकरण वाले या परंपरागत रूप से उपयोग में आ रहे वक्फ संपत्तियों को भी मान्यता नहीं दे सकती, जिससे ऐसी संपत्तियाँ ज़ब्त की जा सकती हैं।
🔹 सरकार का पक्ष: "वक्फ इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं"
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि वक्फ इस्लाम का कोई अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है और इसलिए इसे संविधान के तहत मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है, न कि धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप।
🔹 न्यायालय का अवलोकन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक याचिकाकर्ता कोई बेहद ठोस कानूनी आधार नहीं प्रस्तुत करते, तब तक अधिनियम के क्रियान्वयन में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी। कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगली तारीख पर जारी रखेगा।
📌 आगे क्या?
इस संवेदनशील मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की अंतिम टिप्पणी और निर्णय का इंतज़ार है। अगली सुनवाई में यह तय हो सकता है कि याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत मिलेगी या नहीं।
🔴 लाइव अपडेट्स के लिए देखें:
📺 वीडियो कवरेज: यहां देखें यूट्यूब पर सुनवाई
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