ई-केवाईसी के नाम पर राशन कार्ड धारकों के साथ धोखाधड़ी: जानिए पूरा मामला



ई-केवाईसी के नाम पर राशन कार्ड धारकों के साथ धोखाधड़ी: जानिए पूरा मामला

राशन कार्ड भारत में लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवनरेखा है। सरकार द्वारा मिलने वाला सस्ता राशन, विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन हाल ही में सामने आई घटनाओं में, राशन डीलरों द्वारा ई-केवाईसी (Electronic Know Your Customer) प्रक्रिया के नाम पर लाभार्थियों से झूठी जानकारी देकर ग़लत वसूली की गई है।


🕵️‍♂️ क्या है ई-केवाईसी और क्यों है जरूरी?

ई-केवाईसी एक डिजिटल पहचान सत्यापन प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि लाभार्थी सरकारी योजनाओं के लिए पात्र हैं या नहीं। यह प्रक्रिया आधार कार्ड और बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से की जाती है।

सरकार ने इसे पारदर्शिता और फर्जी राशन कार्ड को हटाने के लिए अनिवार्य किया है। लेकिन कुछ स्थानों पर डीलरों ने इस प्रक्रिया को कमाई का जरिया बना लिया


⚠️ कैसे हो रही है धोखाधड़ी?

राशन डीलर ई-केवाईसी के नाम पर निम्न प्रकार की गड़बड़ियाँ कर रहे हैं:

  • झूठी धमकी: लोगों को कहा गया कि अगर वे ई-केवाईसी नहीं कराते तो उनका राशन बंद हो जाएगा।

  • अवैध शुल्क: कई डीलरों ने ₹20 से ₹50 तक की अवैध वसूली की, जबकि यह सेवा निशुल्क है।

  • बिना जानकारी फिंगरप्रिंट लिया जाना: लाभार्थियों से उनका बायोमेट्रिक डाटा लिया गया और संभवतः अन्यत्र उपयोग किया गया।

  • पात्रता में छेड़छाड़: कुछ वास्तविक लाभार्थियों के नाम सूची से हटाए गए जबकि फर्जी नाम जोड़े गए।


👨‍👩‍👧‍👦 किसे हुआ सबसे ज़्यादा नुकसान?

  • गरीब और अशिक्षित लाभार्थी, जिन्हें डिजिटल प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं थी।

  • वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगजन, जिन्हें सेंटर तक पहुंचना मुश्किल था।

  • गांवों और दूरदराज़ इलाकों के लोग, जिनके पास शिकायत दर्ज कराने के साधन नहीं थे।


🏛️ प्रशासन से अपेक्षाएँ

सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में निम्न कदम उठाने की ज़रूरत है:

  1. सार्वजनिक जागरूकता अभियान: ई-केवाईसी की प्रक्रिया, नियम और शुल्क को लेकर ग्रामीण इलाकों में प्रचार किया जाए।

  2. नि:शुल्क सेवा सुनिश्चित करना: राशन दुकानों और CSC सेंटरों पर मुफ्त ई-केवाईसी सेवा उपलब्ध कराई जाए।

  3. डीलरों पर कार्रवाई: शिकायत मिलने पर त्वरित जांच और दोषियों पर सख्त दंड दिया जाए।

  4. ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा: लाभार्थियों को पोर्टल के माध्यम से स्वयं सत्यापन का विकल्प दिया जाए।


📢 क्या करें यदि आप ठगी के शिकार हुए हैं?

  • राशन डीलर द्वारा की गई किसी भी अवैध मांग की शिकायत करें।

  • राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग या राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800-11-4000) पर संपर्क करें।

  • eKYC से जुड़े अपडेट और अपने राशन स्टेटस के लिए आधिकारिक वेबसाइट जैसे nfsa.gov.in पर जाएं।


✅ निष्कर्ष

डिजिटलीकरण का उद्देश्य जनता को लाभ देना है, न कि उनके अधिकारों को छीनना। ई-केवाईसी प्रक्रिया पारदर्शिता और सटीकता के लिए ज़रूरी है, लेकिन यदि उसका दुरुपयोग किया जाए तो यह गरीब वर्ग के लिए एक नई परेशानी बन जाती है।

इसलिए ज़रूरी है कि हम सचेत रहें, जागरूक रहें और अपने अधिकारों की रक्षा करें


📢 आपके क्षेत्र में भी ऐसा कुछ हुआ है? अपनी कहानी कमेंट में साझा करें।
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