क्या नरेंद्र मोदी अगली इंदिरा गांधी हैं?
क्या नरेंद्र मोदी अगली इंदिरा गांधी हैं? एक ऐतिहासिक और राजनीतिक तुलना
भारतीय राजनीति में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो युग बना देते हैं — इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी ऐसे ही दो नेता हैं। दोनों ने देश की राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी है, लेकिन क्या मोदी वास्तव में "अगली इंदिरा गांधी" कहे जा सकते हैं? आइए इस सवाल को ऐतिहासिक, राजनीतिक और नेतृत्व शैली के विभिन्न पहलुओं से समझने की कोशिश करते हैं।
समानताएँ जो हैरान करती हैं
1. मजबूत नेतृत्व शैली
इंदिरा गांधी को उनके निर्णायक और सशक्त नेतृत्व के लिए जाना गया। मोदी जी भी एक ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं, जिनकी छवि निर्णय लेने वाले व्यक्ति की है। दोनों ही नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी पर गहरी पकड़ बनाई और एक तरह से अपने समय में पार्टी का चेहरा बन गए।
2. व्यक्तित्व केंद्रित राजनीति
"इंदिरा इज़ इंडिया" का नारा जिस तरह 1970 के दशक में उभरा, उसी तरह आज का "मोदी है तो मुमकिन है" ब्रांडिंग भी दर्शाता है कि दोनों नेताओं का व्यक्तित्व पार्टी से बड़ा हो गया।
3. नीतिगत साहस
इंदिरा गांधी ने बैंक राष्ट्रीयकरण, गरीबी हटाओ आंदोलन और बांग्लादेश युद्ध जैसे बड़े फैसले लिए। मोदी सरकार ने नोटबंदी, GST, और अनुच्छेद 370 जैसे कदम उठाए — जो विवादास्पद जरूर रहे, पर निर्णायक भी।
4. राजनीतिक विरोध पर नियंत्रण
दोनों नेताओं ने अपने राजनीतिक विरोधियों को नियंत्रित करने में असाधारण कुशलता दिखाई। इंदिरा गांधी ने आपातकाल (Emergency) लगाया, वहीं मोदी सरकार पर भी संस्थाओं और मीडिया की स्वतंत्रता पर नियंत्रण के आरोप लगते रहे हैं — हालांकि औपचारिक आपातकाल की स्थिति नहीं है।
भिन्नताएँ जो नजरअंदाज नहीं की जा सकतीं
1. राजनीतिक परिदृश्य का फर्क
इंदिरा गांधी का कार्यकाल एकपक्षीय कांग्रेस युग का था, जहाँ कांग्रेस का वर्चस्व अडिग था। मोदी का उदय एक कमजोर कांग्रेस और बहु-पक्षीय राजनीति के बीच हुआ है।
2. तकनीक और प्रचार का युग
इंदिरा जी के समय मीडिया सीमित था और प्रचार पारंपरिक तरीकों से होता था। मोदी जी ने डिजिटल युग में सोशल मीडिया, 24x7 न्यूज़ चैनलों और डेटा एनालिटिक्स का भरपूर इस्तेमाल कर अपनी लोकप्रियता को शिखर तक पहुँचाया।
3. लोकतंत्र की प्रक्रिया
इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रताओं पर सीधा प्रहार किया था। मोदी सरकार पर भी आलोचनाएँ होती हैं, लेकिन लोकतंत्र की औपचारिक प्रक्रिया बनी रही है।
निष्कर्ष: क्या मोदी अगली इंदिरा हैं?
अगर बात शक्तिशाली नेतृत्व, व्यक्तिवादी राजनीति, और बड़े फैसलों के साहस की हो, तो मोदी और इंदिरा गांधी में कई समानताएँ हैं। लेकिन अगर आप ऐतिहासिक परिस्थितियाँ, लोकतांत्रिक ढाँचे, और राजनीतिक संस्कृति की बात करें, तो दोनों अलग युगों और नजरियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि मोदी “अगली इंदिरा” हैं — लेकिन अपने समय और शैली के अनुरूप।
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